तुम सहज हो मुखर हो वाकपटुता तुममें लाजवाब कर देने वाली है प्रेजेन्टेवल हो उन्मुक्त हो मधुर हो, तुम्हारे इन स्वभावों के बीजों को पानी देने का काम एक अद्रश्य शक्ति ने किया है| ये वो शक्ति है जिसने प्रताड़ित मर्दित शोषित वंचित 'ओपेरा विन्फ्रे ' को सूत्रधार बनाया है एक ऐसी जिंदगी का जहाँ उसका बीता हर दर्द वो चीज़ है जिसकी कीमत उसके वर्तमान के सुख से ऊर्जित ज़िन्दगी से आँकी जाती है| अभी हाल ही में मैंने 'अहा ज़िन्दगी' के अंक में मेरी पसंदीदा शख्सियतों में से एक ओपेरा विन्फ्रे के बारे में पढ़ा| उनके ज़िन्दगी के अंजान सच को जानकर इस जिंदगी के सार को और गहरे से समझ पा रही हूँ कि 'जिंदगी चलती ही जायेगी'...