ताकि जीवन की कलाई पर सुख की मौली बंधी रहे
।🌼।ताकि जीवन की कलाई पर सुख की मौली बंधी रहे।🌼। जो आप से बिछुड़ गए उन्हें हमेशा अपने साथ रखने का तरीक़ा उनकी बातें,यादें दोहरा लेना तो होता ही है और उससे भी अच्छा तरीक़ा होता है उनकी उन बातों को जीवन में उतार लेना जिनसे जीवन की कलाई में सुख की मौली बंधी रहे। कभी-कभी मुझे अपनी दादी की बहुत हुड़क लगती है।उस वक़्त उन्हें याद तो कर ही लेती हूँ लेकिन कई-कई बार कुछ ऐसा करने की कोशिश करती हूँ जो वो करती थीं।दादी का स्टील के ग्लास में चाय पीना वो भी खोए की वर्फ़ी के साथ ये भी ट्रॉई किया मैंने। इन सब का ज़िक्र तो क्या करूँ लेकिन आज के दिन से जुड़ी हुई एक याद साझा करती हूँ। रोज़ शाम तुलसी जी के चौरे पर दीया जलाना दादी की दिनचर्या का एक हिस्सा था।मैंने भी सोचा कि मैं भी ऐसे ही करूँगी।कई बार दीया जलाना शुरू किया लेकिन फिर भूल गयी।मतलब ये कि नियम नहीं बन पाया कभी। इस बार कार्तिक का महीना शुरू होते ही प्रण कर ही लिया कि अबकी बार कोई दिन मिस नहीं करूँगी पूरे माह दीया जलाऊँगी।दादी की शाबासी जो पानी थी। मैं बहुत ख़ुश हूँ कि इस बार मैंने नियम से पूरे मास तुलसी जी को दीप अर्पित किया।मैं घर पर नहीं थी ...