होली- एक बार लो फिर से फागुन आया है
मौसम ने सुर साध लिए शहदीले से
मन के लक्षण ख़ूब हुए फुर्तीले से
मदहोशी के घुल जाने से तन-मन में
प्रेम के रस्ते ख़ूब हुए रपटीले से
रंग, उमंग, तरंग ने हाथ मिलाया है
एक बार लो फिर से फागुन आया है।
रिश्तों में मस्ती घुल जाने का
मौसम मन से सारे द्वेष मिटाने का
मौसम दिल की नगरी में
त्योहारी रौनक कर सबसे मिलने और मिलाने का
मौसम होली का त्यौहार ये अवसर लाया है।
एक बार लो फिर से फागुन आया है।
वृन्दावन की गलियों जैसा है
आलम हरपल सजनी के संग
है उसका प्रियतम सब पर ही है रंग
गुलाबी लाल चढ़ा हर मुखड़ा है मदमाता सा
सुन्दरतम ऐसे पल पाकर हर दिल हरषाया है
एक बार लो फिर से फागुन आया है
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