ग़ज़ल
ग़ज़ल
काग़ज पे घर बहुत से बनाये गए हैं आज
काग़ज पे घर बहुत से बनाये गए हैं आज
बेघर को सब्ज़ बाग़ दिखाए गए हैं आज
अख़बार की कतरन में चमकने के वास्ते
बेबात के भी जश्न मनाये गये हैं आज
मायूसियाँ कहीं इन्हें वीरान न कर जाएँ
कुछ हसरतों के मेले लगाये गये हैं आज
हर रात पूछता है बिस्तर मेरा मुझसे
आँखों में कितने ख़्वाब सजाये गये हैं आज
बेबात के भी जश्न मनाये गये हैं आज
मायूसियाँ कहीं इन्हें वीरान न कर जाएँ
कुछ हसरतों के मेले लगाये गये हैं आज
हर रात पूछता है बिस्तर मेरा मुझसे
आँखों में कितने ख़्वाब सजाये गये हैं आज
......वाह क्या बात है सोंरूपा जी..बहुत खूब काबिले तारीफ
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ............
जवाब देंहटाएंBahut umada gazal hai sonrupa ji
जवाब देंहटाएंen khwabon kahan sahejun es fikra me hoon
pyar ka ek paigam likh dun es fikra me hoon
tera eshak meri mohabbat aisi ebadat hai manu
sadiyon tak kaise sahejun abhi es fikra me hoon
Manoj gautam 'manu'
बहुत खूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंबेहतरीन........
जवाब देंहटाएंवाह जी बढ़िया ग़ज़ल है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
यथार्थ को दर्शाती, सुन्दर ग़ज़ल .
जवाब देंहटाएंवाह! शानदार गजल.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरती से आज के यथार्थ
का दर्शन कराया है आपने.
भावमयी प्रस्तुति के लिए आभार,सोंनरूपा जी.
बड़ा ही सामयिक शेर लगा ये :)
जवाब देंहटाएंअख़बार की कतरन में चमकने के वास्ते
बे- बात के जलसे भी मनाये गए हैं आज
हर रात पूछता है बिस्तर मेरा मुझसे
दिन भर में कितने ख़्वाब सजाये गए हैं आज
बहुत खूब ..आपका लिखना सचमुच जरूरी है !
wah...
जवाब देंहटाएंdin bhar me kitne khabab sajaye:)
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जवाब देंहटाएं_$?________$?__?$.___I_____?$
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From India
gahan aur bahut sundar abhivyakti ...hriday tak pahunchati hui ..!!
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen ..!!
वाह बेहतरीन ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गज़ल
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