नायाब तरीक़ा
हमारे देश में ज़िम्मेदार ओहदों पर विराजमान महानुभाव अक्सर बेतुके
बयानात देते रहते हैं और इन मामलों को तूल
देकर ऐसे लोगों को पब्लिकली और ज़्यादा डीफेम करना दरअसल इनकी लोकप्रियता में इजाफ़ा
करना होता है (इनके अनुसार बदनाम हुए तो
क्या ,नाम तो हुआ ) हमारे यहाँ सानिया मिर्ज़ा के तेलांगना की ब्रांड एम्बेसेडर
बनने को लेकर आये बयान सुनकर लोग शॉर्ट टेम्पर्ड दिखते है ,'दिल्ली मुंबई में यू पी, बिहार के लोगों के आने से वहां के हालात बदतर हो गये हैं' ये सुनकर लोगों का
ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है आदि आदि (ये हालिया बयान हैं वरना लिस्ट तो बहुत लम्बी
है )
नुकसान किसका होता है ? ओव्यसली हमारा|
ऐसा ही एक बयान टर्की के उप प्रधान मंत्री ने दिया, उनके अनुसार ‘
स्त्रियों के सार्वजनिक जगहों पर हँसने से अनैतिकता को बढ़ावा मिलता है’ !इस बयान
को सुनकर वहाँ सोशल मीडिया पर तीन लाख से ज़्यादा फ़ोटोज़ शेयर किये जा चुके हैं
जिसमें लडकियाँ उस बयान पर अपनी हंसती हुई तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं,ऐसे बयान
देने वाले को शर्मिंदा करने का ये तरीक़ा बहुत नायाब है|
नायाब इसीलिए कि ये लोग बेसिर पैर की बातें करते हैं और हम अपना चैन
खो बैठते हैं,इनका विरोध इस तरीक़े से किया जाना ज़्यादा अच्छा है
है न ?
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