किरणें


न्यूज़ चैनल्स की क्लिपिंग्स से मालूम चलता है कि गाज़ियाबाद के एक फाइव स्टार होटल की ओपनिंग सेरेमनी में होटल मालिक किसी नामी गिरामी राजनेता ,फिल्म स्टार या किसी और बड़ी हस्ती को न बुलाकर किसी अनाथालय के ख़ूब सारे बच्चों को चीफ़ गेस्ट बनाते हैं जहाँ बच्चे महँगी घास से ग्रीन हुए लॉन में मन भर कर उछल कूद करते हैं और पेट भर कर नाज़ुक क्राकरी में खाते हैं
तब
जब चेन्नई में गंभीर रूप से बीमार एक २१ साल की युवती के जल्दी से जल्दी हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पुलिस और चेन्नई के नागरिक ट्रेफिक को एक जगह जाम कर देते है जिससे उसका ट्रीट मेंट समय पर संभव हो पाता है
तब
जब एक आई टी कम्पनी में काम करने वाला युवक अपनी पहली तनख्वाह से रोड पर लावारिस घूमने वाले बच्चों को मन भर कर मेक्डोनाल्ड में पिज़्ज़ा बर्गर खिलाता है 
 तब
जब एक रईस बिज़नेसमैन सुबह-सुबह गुरूद्वारे जाकर वहाँ आने वाले लोगों के जूते साफ़ करता है और मन में  संतोष का एहसास लेकर अपनी आलीशान कार में बैठ कर ऑफिस का रुख़ करता है और ये वीडियो सोशल साइट्स पर लाखों लोग देखते हैं और लाखों बार ‘हैट्स ऑफ’ लिख कर उसे शेयर करते हैं
तब
जब मेरे पास एक इंजीनियरिंग के छात्र का फ़ोन आता है और वो मुझसे कहता है ‘मैडम आई हव गौट युअर नंबर फ्रॉम अ ब्लड सेंटर ..हम पढाई करने के बाद बचा हुआ समय एक कैंसर हॉस्पिटल को देते हैं जहाँ हम ग़रीब कैंसर  पेशेंट्स के इलाज के लिए फंड्स इकठ्ठा करते हैं ,कैन यू हेल्प अस ,हम आपको अपने बारे में डिटेल एक मेल के थ्रू भेज रहे हैं जब आप निश्चिंत हो जाएँ तब हमारी मदद करें ,और वाक़ई में मेल देख कर उनका निस्वार्थ सेवाभाव मन को छू जाता है  
तब
आज के वक़्त,आज के दौर,आज के लोग,आज की पीढ़ी को संवेदनहीन कहना,लिखना और मानना वास्तव में जजमेंटल होना लगता है ये भी एक ज्यादती है जो अक्सर हम कर जाते हैं !



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