हिन्दी ग़ज़ल और डॉ. उर्मिलेश (परिचय)

 ख़ुश हूँ कि आख़िर डेढ़ वर्ष की समवेत मेहनत का परिणाम आ ही गया इस संग्रह के रूप में।

और आज के दिन इसकी सूचना मैं इसीलिए भी देना चाहती थी जिस दिन डॉ. उर्मिलेश ने अपने जाने का दिन चुना उसी दिन हमने उन्हें अपने भीतर ज़िंदा रखने को चुना।
समकालीन ग़ज़ल के सर्वाधिक सक्रिय-सार्थक ग़ज़लकारों की अग्र पँक्ति में डॉ उर्मिलेश के नाम का उल्लेख किया जाता है।हिन्दी ग़ज़ल की यात्रा,परम्परा और विकास का अगर अध्ययन करना है तो डॉ उर्मिलेश को पढ़े बिना ये अधूरा रहेगा।इसमें कोई दो राय नहीं हैं।न केवल उनकी ग़ज़लें वरन उनका चिन्तनशील गद्य साहित्य भी हिन्दी ग़ज़ल के प्रति उनकी दृष्टि को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है।इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डॉ उर्मिलेश ग़ज़ल के लिए अनथक श्रम और समर्पण को एक जिल्द में बाँधने का कार्य 'हिन्दी ग़ज़ल और डॉ. उर्मिलेश' के रूप में शीघ्र ही आपके सामने होगा।
वरिष्ठ कवि एवं हिन्दी ग़ज़ल के अध्येता आदरणीय हरेराम समीप जी की प्रेरणा और निरन्तर परामर्श से मैं इस संग्रह के सम्पादन का बीड़ा उठा पाई।मुझ पर उनके विश्वास और अपने अभिन्न मित्र उर्मिलेश के द्वारा ग़ज़ल में योगदान के प्रति उनकी निष्ठा को मैं शब्दों से आभार व्यक्त कर सकूँ ये मेरे लिए असंभव है।
हालाँकि इस पूरे संकलन पर काम कोरोना जैसी वैश्विक आपदा के दौरान ही हुआ जब कई बार मानसिक स्थितियाँ सबल नहीं थीं। न ही मेरी,न ही इस संकलन में शामिल कुछ लेखकों की,कई और भी दिक्कतें आईं।
आज अगर स्थिति ठीक होती तो एक अच्छा सा लोकार्पण का कार्यक्रम होता और उसमें वो तीन ग़ज़ल के सर्वाधिक महत्वपूर्ण नाम भी शामिल होते जो हमसे पिछले महीने बिछड़ गए थे श्री ज़हीर क़ुरैशी,डॉ. कुँअर बेचैन,श्री दरवेश भारती।
ज़हीर क़ुरैशी जी अक्सर मुझसे किताब के तैयारी के बारे में पूछ लिया करते थे।कुँअर जी और ज़हीर क़ुरैशी जी के लेख भी इस किताब में सम्मिलित हैं।दुख है किताब इन हाथों में जाने से महरूम रह गयी।
इसी अनिश्चितता में संग्रह के निश्चित आगमन में जिन लेखकों के लेखों का हमें अमूल्य योगदान मिला है उनके प्रति मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूँ।ज़ाहिर है इसके पीछे उनकी डॉ. उर्मिलेश के लेखन के प्रति उनकी निष्ठा थी।
इस संग्रह में शामिल लेखक -
१-डॉ. किशोर काबरा
२-श्री हरेराम समीप
३-श्री कमलेश भट्ट कमल
४-डॉ. शंकरलाल शर्मा
५-डॉ. शैलेन्द्र कबीर
६-डॉ. मधुकर खराटे
७-डॉ.० शिव ओम अम्बर
८-डॉ.रोहिताश्व अस्थाना
९-श्री ज़हीर क़ुरैशी
१०-डॉ. महाश्वेता चतुर्वेदी
११-श्री अशोक मैत्रेय
१२-डा.महेन्द्र अग्रवाल
१३-डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री
१४-डॉ. दीपक रूहानी
१५-डॉ.ऋषिपाल धीमान
१६-श्री देवमणि पाण्डेय
१७-डॉ. नितिन सेठी
१८-श्री रमेश ‘विकट’
१९-डॉ.राम बहादुर ‘व्यथित’
२०-डॉ. जयराम सूर्यवंशी
२१-श्रीअशोक अंजुम
२२-श्री ब्रजेन्द्र अकिंचन
२३-डॉ. रामसनेही लाल शर्मा ’यायावर’
२४-डॉ. रमा सिंह
२५-डॉ. वेदप्रकाश अमिताभ
२६-श्री यश मालवीय
२७-डॉ. मोहदत्त साथी
२८-डॉ. कुँअर बेचैन
२९-श्री हरिशंकर सक्सेना
हैं।
एनी बुक से प्रकाशित अभी ये संग्रह किंडल पर उपलब्ध होगा।शीघ्र ही ऐमेज़ॉन पर भी और पेपर बैक भी।
आप सबका साथ हमेशा चाहा है इस बार भी हमारा साथ दीजिये इस किताब की सूचना उन पाठकों तक पहुंचाने में जिनके लिए ये लाभप्रद होगी।हम भी पूरे प्रयासरत हैं कि ये किताब ग़ज़ल से सरोकार रखने वालों द्वारा पढ़ी जाए।ऐसी अपेक्षा है इस विश्वास के साथ कि ये एकत्र मेहनत सार्थक साबित हो,समय सही हो तो एक सुसंयोजित कार्यक्रम में इसे लोकार्पित किया जाए।
इसी आशा के साथ...







टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बाँटना ही है तो थोड़े फूल बाँटिये (डॉ. उर्मिलेश)

सोत नदी 🌼

भय अजय होने न दूँगी